शहीद स्मारक-चौरीचौरा
दिशाचौरी-चौरा का शहीद स्मारक
चौरी चौरा, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास का एक कस्बा था (वर्तमान में तहसील है) जहाँ 4 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे। इस घटना को चौरीचौरा काण्ड के नाम से जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप गांधीजी ने कहा था कि हिंसा होने के कारण असहयोग आन्दोलन उपयुक्त नहीं रह गया है और उसे वापस ले लिया था। चौरी-चौरा कांड के अभियुक्तों का मुक़दमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और उन्हें बचा ले जाना उनकी एक बड़ी सफलता थी।
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कैसे पहुंचें:
हवाईजहाज द्वारा
गोरखपुर हवाई अड्डे पर पहुंच कर वहां से सड़क मार्ग द्वारा चौरीचौरा जा सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
चौरीचौरा रेल मार्ग से जुड़ा है । गोरखपुर से देवरिया जाने वाली लगभग सभी रेलगाड़ियां चौरीचौरा रेलवे स्टेशन पर रुकती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
गोरखपुर व देवरिया से चौरीचौरा के लिये बस एवं टैक्सी रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध रहती है।