दस्तक -2 अभियान (जापानी एन्सिफेलाईटिस सावधानी एवं बचाव)
फरवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैले जापानी इन्सेफाइटिस अथवा दिमागी बुखार की रोकथाम और उपचार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ‘दस्तक’ अभियान की शुरूआत की।
उद्देश्य:
यह अभियान इस लिए चलाया जा रहा है ताकि लोगों को किसी भी तरह से होने वाले बुखार व अन्य बिमारी में लापरवाही न कर सकें। यह लापरवाही जापानी इन्सेफलाइटिस भी बन सकती है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किये गये इस अभियान के अन्तर्गत जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण के साथ ही अभियान में प्रयोग किये जाने वाले ऑड़ियो विजुअल, रेडियो विज्ञापन, इन्फेलाइटिस से संबंधित सावधानियों के उपाय की सामग्री एवं स्वच्छता किट एवं अन्य कई जानकारियां प्रदान की गई हैं।
स्लोगन:
दस्तक – दरवाज़ा खटखटाओ, जापानी इन्सेफेलाइटिस को दूर भगाओ।
कार्यान्वयन :
इस अभियान के तहत प्रदेश के पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों की खून की कमी की जांच, छः माह से पाँच वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ‘ए’ का घोल दिया जायेगा।
इस अभियान के तहत बच्चों को दस्त रोग, निमोनिया, और जन्मजात बिमारियों से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उन्हें निःशुल्क जाँच एवं उपचार तथा परिवहन सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। इस अभियान के अन्तर्गत स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास व बेसिक शिक्षा एकसाथ मिलकर कार्य करेंगे तथा उपचार एवं बचाव के गुर बताएंगे।
इस अभियान के अन्तर्गत राज्य के 38 प्रभावित जिलों में रेड़ियो, टीवी एवं समाचार पत्रों के माध्यम से जापानी इन्फेलाइटिस बिमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जायेगी।
राज्य के स्वास्थ्य कार्यकता गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के 7 प्रभावित जिलों में घर-घर जाकर जापानी इन्फेलाइटिस बिमारी के बारे उपचार एवं बचाव के गुर बताएंगे।
दस्तक-2 जागरूकता अभियान का प्रचार प्रसार कार्यक्रम दिनांक 02.07.018 से 31.07.18 तक निम्नानुसार आयोजित किये जाएंगे:-
- दस्तक अभियान के अन्तर्गत सफाई एवं स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जनता को विशेष रूप से दिनांक 02 से 31 जुलाई, 2018 तक जागरूक किया जाना है ।
- जनपद स्तर/ ब्लॉक स्तर पर साइकिल रैली का आयोजन, दिनांक 02 जुलाई, 2018, प्रातः 08.30 बजे विकास भवन से
- ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की बैठक का आयोजन एवं पेयजल के उचित रख-रखाव, पेयजल गुणवत्ता, जन संरक्षण एवं पेयजल सुविधओं के रख-रखाव के सम्बन्ध में चर्चा
- इण्डिया मार्क-II हैण्डपम्पों के टूटे हुए चबूतरों की मरम्मत एवं निर्माण तथा पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए।
- इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए की जिन क्षेत्रों से जे0ई0/ए0ई0एस0 के रोगी आ रहें वहां पर जल की निरन्तर जाँच करायी जाएं एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए।
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